12 मई को सिंगापुर में ऐतिहासिक वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति नहीं हुई है। उन्हें लगता है कि चीन ने भी इस मकसद के लिए उत्तर कोरिया पर सही तरह से दबाव नहीं बनाया है। इसलिए ट्रंप ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को सलाह दी है कि वह अपनी उत्तर कोरिया की प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दें। ट्रंप ने इसकी भड़ास चीन पर निकालते हुए पूरे मामले का ठीकरा उसके सिर पर फोड़ा है।
ट्रंप कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन द्वारा परमाणु परीक्षण स्थल नष्ट करने को लेकर तारीफ कर चुके हैं। लेकिन अब पोम्पियो की यात्रा रद्द करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हम कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, चीन के साथ हमारी सख्त व्यापार नीति के चलते मुझे नहीं लगता कि वह इस दिशा में वैसी मदद कर रहा है जैसी पहले कर रहा था। बता दें कि उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा सहयोगी चीन है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अन्य ट्वीट मे कहा कि पोम्पियो निकट भविष्य में उत्तर कोरिया जा सकते हैं और यह चीन-अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों के सुलझने पर निर्भर करेगा। तब तक मैं उत्तर कोरिया के चेयरमैन किम जोंग-उन का गर्मजोशी से भरा सलाम भेजता हूं। मैं उनसे शीघ्र ही मुलाकात होने की कामना कर रहा हूं। बता दें कि सिंगापुर वार्ता में किम जोंग से मुलाकात में उत्तर कोरिया के नेता ने एटमी हथियार सौंपने के किसी दस्तावेज पर दस्तखत तक नहीं किए और ट्रंप ने कहा था कि इस देश से अब कोई परमाणु खतरा नहीं है।
उ. कोरिया के नई मिसाइल तैयार करने की कवायद
हाल ही में एक अज्ञात अमेरिकी अधिकारी के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा था कि एक तरफ तो उत्तर कोरिया अपनी पुरानी परमाणु परीक्षण साइटों को खत्म कर रहा है और दूसरी तरफ नई मिसाइलें बना रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया नई अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल तैयार कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी ने भी इस बात की तस्दीक की थी।